श्वेताश्वतर उपनिषद 4वें अध्याय के 19वें श्लोक

श्वेताश्वतर उपनिषद के 4वें अध्याय के 19वें श्लोक में कहा गया है:

यः सर्वेषामात्मा स शिवो मे अस्तु सदाशिवो मे अस्तु सदाशिवो मे अस्तु ।

इसका अर्थ है:

वह जो सभी आत्माओं का आत्मा है, वह मेरे लिए शिव हो, वह मेरे लिए सदाशिवो हो, वह मेरे लिए सदाशिवो हो.

यह श्लोक परमात्मा के एकत्व और सर्वव्यापीता को दर्शाता है. यह बताता है कि परमात्मा सभी आत्माओं का आत्मा है और वह सभी में मौजूद है. यह श्लोक यह भी बताता है कि परमात्मा शिव है, जो शांति और आनंद का स्त्रोत है. यह श्लोक हमें परमात्मा के प्रति समर्पित होने और उसके मार्गदर्शन का पालन करने का आह्वान करता है.

बृहदारण्यक-उपनिषद-की-गहन

यह श्लोक एक शक्तिशाली मंत्र है जिसका जाप करने से हमें शांति, आनंद और ज्ञान प्राप्त होता है. यह श्लोक हमें परमात्मा के साथ एकता का अनुभव कराता है और हमें जीवन के सभी कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति देता है.

श्वेताश्वतर उपनिषद

error: Content is protected !!
Author’s expertise : is freelance affiliate guide legit ?. 12 signs that he loves you & your boyfriend wants to spend the rest of his life with you bhakti varsha. Once you start stroking it to some of the hottest cam girls you’ve ever seen your dick will know no bounds.